Friday, 6 January 2023

Hba1c ब्लड टेस्ट (HbA1c blood test in hindi)

 Hba1c टेस्ट जो कि खून में शुगर की मात्रा या लेवल को मापने के लिए किया जाता है रक्त में शुगर लेवल जितना अधिक होगा hba1c का लेबल उतना अधिक बनेगा hba1c उतनी अधिक मात्रा में बनता है hba1c टेस्ट से यह भी पता  चलता है कि पिछले 90 दिनों में शुगर लेवल कितने परसेंटेज तक गया है 

Hba1c टेस्ट का फुल फॉर्म (HbA1c test full form) 

ग्लाइकोसिलेटेड हिमोग्लोबिन या ग्लाइकटेड हमोग्लोबिन भी कहा जाता है

Hba1c टेस्ट क्यों किया जाता है 

Hba1c टेस्ट से पेशेंट या डॉक्टर डॉक्टर यह मालूम कर सकते हैं कि आप का शुगर लेवल पिछले 3 माह में कितना रहा आपको शुगर तो नहीं है या शुगर होने के चांस तो नहीं इसलिए यह टेस्ट डॉक्टर समय समय पर करवाते हैं

Hba1c टेस्ट क्या है what is HbA1c test in hindi



ब्लड में मौजूद ग्लाइकटेड हिमोग्लोबिन जो आपकी लाल रक्त कोशिकाओं (Red blood cells) मे प्रोटीन से चिपक जाता है जैसे आपके रक्त में शुगर का स्तर बढ़ता है आपका हीमोग्लोबिन ग्लूकोस से कोटेड होता जाता है Hba1c टेस्ट इसी कोटेड आरबीसी में मौजूद शुगर लेवल को मापता है ! 

प्री डायबिटीज prediabetes



Hba1c टेस्ट से ये भी पता चलता है कि आपका hba1c लेवल सामान्य से अधिक है लेकिन इतना नहीं कि दवाइयां मेडिसिन दी जाए इस लेवल को प्रीडायबिटीज कहते हैं इसको दिनचर्या (लाइफस्टाइल) में कुछ बदलाव करके एवं कुछ डाइट में बदलाव करके तथा (एक्सरसाइज) व्यायाम करके भी कंट्रोल किया जा सकता है इसलिए इस को फ्री डायबिटीज कहते हैं

Hba1c टेस्ट फॉर डायबिटीज (HbA1c test for diabetes) 

दुनिया भर में शुगर पेशेंट बढ़ते जा रहे हैं भारत में ही लगभग सात करोड़ शुगर पेशेंट , आजकल बदली हुई लाइफस्टाइल और खानपान की वजह से युवा भी शुगर पेशेंट होते जा रहे हैं ,और कुछ अनुवांशिकता के कारण भी शुगर पेशेंट होते हैं ! शुगर का मुख्य कारण कहीं न कहीं केमिकल युक्त खाद्य पदार्थ कुछ बाजार में उपलब्ध कोल्ड ड्रिंक जिनमें शुगर की मात्रा अधिक होती है वह भी जिम्मेदार है, शुगर के लिए लोग खाली पेट और खाने के बाद टेस्ट कराते हैं और कुछ लोग रैंडम ब्लड शुगर टेस्ट बनाते हैं लेकिन इन टेस्टों में प्रजेंट शुगर लेवल ही आता है पिछले 3 महीनों में या 90 दिन में आपका शुगर लेवल कितने पर्सेंट गया है उसके लिए hba1c टेस्ट टेस्ट करा करें यह मालूम कर सकते हैं कि आपको डायबिटीज है या प्रीडायबिटीज है या नॉनडायबीटिक यह जानकारी आपको hba1c टेस्ट से ही लगती है! 

How much does HbA1c test cast (HbA1C test price) hba1c टेस्ट कितने का होता है

Hba1c टेस्ट के रेट पैथोलॉजी लैब ,हॉस्पिटल ,नर्सिंग होम पर डिपेंड करता है यह  लगभग ₹250 से ₹700तक होता है

Hba1c टेस्ट कैसे होता है 

यह एक सामान्य प्रक्रिया है जिसमें नर्स डॉक्टर या पैथोलॉजी टेक्नीशियन पेशेंट की नस से ब्लड लेकर एक विशेष प्रकार की ट्यूब में रखते हैं जिसे EDTA या K2 कहते हैं ट्यूब में ब्लड क्लोट नहीं होता इस सैंपल से टेस्ट होता है इस टेस्ट मे 25 से 30 मिनट का समय लगता है


Hba1c की नार्मल रेंज what is HbA1c normal level

HbA1c ℅   4.0 - 5.6℅        normal
                   5.7 - 6.4 %      prediabetec
                   6.5% Or more ,diabetes
यदि आपका हीमोग्लोबिन a1c लेवल 5.6 ℅ कम है तो आप का शुगर नॉर्मल है आप डायबिटिक नहीं है और यही hba1c लेवल 5.7 % से 6.4℅ तक है तो आप prediabetes
की रेंज में है इस स्थिति में आपको बिना कोई दवाई के शुगर को कंट्रोल किया जा सकता है कुछ खानपान में बदलाव और कुछ व्यायाम योग द्वारा कंट्रोल किया जा सकता हैं! 
जब आपका hba1c लेवल 6.5 ℅℅ या इससे ज्यादा हो तो आप डायबिटीज पेशेंट हो सकते हैं

Hba1c टेस्ट खाली पेट होता है क्या ? 

Hba1c टेस्ट के लिए कभी भी जा सकते हैं इसके लिए खाली पेट खाने के बाद या रेंडम कभी भी यह टेस्ट कर सकते हैं क्योंकि यह टेस्ट आपके हीमोग्लोबिन में स्थित  लाल रक्त कणिकाएं (RBCs)के ऊपर ग्लूकोज के कोटेड लेवल पर होता है! 

Hba1c टेस्ट कब करना चाहिए?

हीमोग्लोबिन a1c टेस्ट से हमको 3 महीने का शुगर लेवल पता चलता है ये टेस्ट करने के लिए आप किसी पैथोलॉजी लैब ,डॉक्टर या हॉस्पिटल से संपर्क कर सकते हैं अगर आप स्वस्थ और आपकी उम्र 40 से ऊपर है तो आप साल में 2 बार कर सकते हैं  अगर आप डायबिटिक है तो डॉक्टर की सलाह के अनुसार ए टेस्ट रिपीट करा सकते हैं 

कुछ लक्षण जिनके चलते आप hba1c टेस्ट करा सकते हैं

1. आपको बार-बार पेशाब आए! 
2. कहीं चोट लग जाने पर घाव भरने में टाइम लड़ना ! 
3. याददाश्त कमजोर होना ! 
4. दुबलापन आंख में धुंधला दिखाई देना
5. लगातार वजन बढ़ने पर
6. अगर आपके परिवार में कोई शुगर पेशेंट है पहले से तब भी टेस्ट करा सकते हैं

क्या गर्भवती महिला की hba1c जांच कराई जाती है


प्रेगनेंसी के दौरान शुगर टेस्ट करने के लिए hba1c टेस्ट करा सकते है लेकिन इसके लिए ओजीटीटी(OGTT) ओरल ग्लूकोस टोलरेंस टेस्ट करते हैं

क्या hba1c टेस्ट घर पर कर सकते हैं

Hba1c टेस्ट घर पर नहीं किया जा सकता , यह डॉक्टर पैथोलॉजिस्ट या विशेषज्ञ की देखरेख में होता है यह बहुत बहुत ही सेंसिटिव टेस्ट है इससे पेशेंट डायबिटीज है या non-diabetic निर्भर करता है

Hba1c लेवल कम कैसे करें? 





Hba1c लेवल को कम करने के लिए नियमित व्यायाम करें ,पैदल चले ,स्विमिंग करें ,अच्छी नींद लें, पौष्टिक आहार करें और तनावमुक्त रहें
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Hba1c टेस्ट क्या है?

ब्लड में मौजूद ग्लाइकटेड हिमोग्लोबिन जो आपकी लाल रक्त कोशिकाओं (Red blood cells) मे प्रोटीन से चिपक जाता है जैसे आपके रक्त में शुगर का स्तर बढ़ता है आपका हीमोग्लोबिन ग्लूकोस से कोटेड होता जाता है Hba1c टेस्ट इसी कोटेड आरबीसी में मौजूद शुगर लेवल को मापता है !

What is normal HbA1c level, hba1c नॉरमल रेंज

HbA1c ℅ 4.0 - 5.6℅ normal 5.7 - 6.4 % prediabetec 6.5% Or more ,diabetes यदि आपका हीमोग्लोबिन a1c लेवल 5.6 ℅ कम है तो आप का शुगर नॉर्मल है आप डायबिटिक नहीं है और यही hba1c लेवल 5.7 % से 6.4℅ तक है तो आप prediabetes की रेंज में है इस स्थिति में आपको बिना कोई दवाई के शुगर को कंट्रोल किया जा सकता है कुछ खानपान में बदलाव और कुछ व्यायाम योग द्वारा कंट्रोल किया जा सकता हैं! जब आपका hba1c लेवल 6.5 ℅℅ या इससे ज्यादा हो तो आप डायबिटीज पेशेंट हो सकते हैं

HbA1c blood test in hindi

Hba1c टेस्ट जो कि खून में शुगर की मात्रा या लेवल को मापने के लिए किया जाता है रक्त में शुगर लेवल जितना अधिक होगा hba1c का लेबल उतना अधिक बनेगा hba1c उतनी अधिक मात्रा में बनता है hba1c टेस्ट से यह भी पता चलता है कि पिछले 90 दिनों में शुगर लेवल कितने परसेंटेज तक गया है

How much does HbA1c test cast? HbA1c test price

Hba1c टेस्ट के रेट पैथोलॉजी लैब ,हॉस्पिटल ,नर्सिंग होम पर डिपेंड करता है यह लगभग ₹250 से ₹700तक होता है

Hba1c टेस्ट खाली पेट होता है क्या?

Hba1c टेस्ट के लिए कभी भी जा सकते हैं इसके लिए खाली पेट खाने के बाद या रेंडम कभी भी यह टेस्ट कर सकते हैं क्योंकि यह टेस्ट आपके हीमोग्लोबिन में स्थित लाल रक्त कणिकाएं (RBCs)के ऊपर ग्लूकोज के कोटेड लेवल पर होता है!

क्या hba1c टेस्ट घर पर कर सकते हैं?

Hba1c टेस्ट घर पर नहीं किया जा सकता , यह डॉक्टर पैथोलॉजिस्ट या विशेषज्ञ की देखरेख में होता है यह बहुत बहुत ही सेंसिटिव टेस्ट है इससे पेशेंट डायबिटीज है या non-diabetic निर्भर करता है

नोट - 

यह लेख मेडिकल रेपोर्ट के आधार पर लिखा गया है कोई भी जाँच या ट्रीटमेंट लेने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर ले! 

Referenc renge according to American diabetes Association
and Who 

Sunday, 1 January 2023

Haemoglobin, हीमोग्लोबिन क्या हैं

हीमोग्लोबिन क्या है ( Haemoglobin) 

 हिमोग्लोबिन क्या है   हीमोग्लोबिन एक तरह का प्रोटीन है जो कि लाल रक्त कोशिकाओं में पाया जाता है (आरबीसी का मतलब लाल रक्त कणिका है रेड blood cells, RBCs का जीवन काल 120 दिन का होता हैं जो आपके रक्त का एक अनिवार्य हिस्सा है।) शरीर में खून की कमी या अधिकतर हीमोग्लोबिन की मात्रा पर आधारित होती है हिमोग्लोबिन मे एक हीमो  नामक प्रोटीन पाया जाता है जो कि ऑक्सीजन  के कण  को फेफड़ों से लेकर शरीर के विभिन्न अंगों तक पहुंचाता है अधिकतर वृद्धजन और गर्भवती महिलाओं में हीमोग्लोबिन की कमी देखी गई है 


हिमोग्लोबिन की कमी की मुख्य वजह :-

हीमोग्लोबिन कम होने के कारण शरीर में कुछ पोषक तत्वों की कमी और कुछ बीमारियां जैसे ऐड्स, लिंफोमा, थैलेसीमिया, बवासीर ,सिरोसिस ,कैंसर ,पेट के अल्सर , माहवारी की अनियमितता और अधिक रक्तस्राव ,आयरन की कमी, विटामिन की कमी ,सिकलसेल और शराब, तंबाकू ,बीड़ी, सिगरेट ,की  लत भी एक वजह हो सकती है

हीमोग्लोबिन कम होने के लक्षण:-  

हीमोग्लोबिन कम होने के मुख्य लक्षण 1. थकान महसूस करना, 2.कमजोरी 3. ददाश्त कम होना 4. बेचैनी 5.मांसपेशियों में जकड़न 6. हाथ पैर में दर्द 7. चक्कर आना 8. नींद अधिक आना आदि लक्षण हीमग्लोबिन की कमी को दर्शाते है! 

हीमोग्लोबिन की नार्मल रेंज:- normal hemoglobin range 

हीमोग्लोबिन कितना होना चाहिए, 
हिमोग्लोबिन की नार्मल स्थिति पुरुषों, महिलाओं, बच्चों में अलग-अलग पाई जाती है 
             पुरुष        13 -18   gm/dl
             महिला      12- 16   gm/dl
जन्म के समय बच्चों में 14- 24 gm/dl
       0 से 2 सप्ताह   12-20  gm/dl.
       2 से 6 माह       10- 17 gm/dl
       6 माह से 1 वर्ष 9 -14    gm/dl
       1 से 6 वर्ष       9.5 -14 gm/dl
       6 से 18 वर्ष     10- 15  gm/dl
गर्भवती महिलाओं में ये स्तर कम हो सकते हैं जो की 9-12 gm/dl तक. 

हीमोग्लोबिन की कमी से होने वाले रोग :-

हिमोग्लोबिन की कमी के कारण शरीर में अनेक बीमारियां पैदा हो सकती हैं जैसे एनीमिया ,पीलिया ,कैंसर, दिल की बीमारी, लिवर की समस्याएं जोड़ों में दर्द ,बच्चों की मानसिक एवं शारीरिक वृद्धि नहीं हो पाती, आदि रोग पैदा होते हैं

हिमोग्लोबिन परीक्षण, Hb℅ test, हीमोग्लोबिन टेस्ट कैसे होता है,  हिमोग्लोबिन का टेस्ट किस नाम से होता है 

हिमोग्लोबिन या  Hb℅ टेस्ट के लिए आप अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र, हॉस्पिटल  नर्सिंग होम, पैथोलॉजी लैब से संपर्क कर सकते हैं  या अपने डॉक्टर से सलाह ले सकते है 

हीमोग्लोबिन टेस्ट का नाम  :

यह एक ब्लड टेस्ट है जो की हीमोग्लोबिन या Hb℅ या CBC भी हो सकता है इसके लिए डॉक्टर आपके कुछ और टेस्ट भी करा सकते हैं जैसे आयरन डिफिशिएंसी विटामिन डी विटामिन B12 आदि 

हीमोग्लोबिन कैसे बढ़ाए , (hemoglobin Kaise badhaen) 

Hb℅ हिमोग्लोबिन बढ़ाने के लिए हमको अपने भोजन में पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्व शामिल करना होगा! इसमें आयरन मिनरल विटामिन खनिज प्रोटीन  युक्त भोजन हो, इसमें हरी सब्जियां जैसे ब्रोकली पालक  मटर सलाद आदि, गुड एक बहुत ही अच्छा स्रोत है खून बढ़ाने के लिए भारतीय परंपरा में बच्चे के जन्म के बाद माताओं को गुड़ दिया जाता है मूंगफली चना चुकंदर अनार गन्ना चिकन मटन भी ले सकते हैं और इसके लिए आप अपने डॉक्टर से सलाह ले सकते हैं (" haemogrow syrup" भी एक अच्छा  विकल्प है खून बढ़ाने के लिए, इसमें पुराना गुण मुलेठी अनारदाना  ब्लैक पेपर सौंठ पीपली अमलाकी रसायन अजवाइन मंडूर भस्म टंकण भस्म शुद्ध शिलाजीत आदि प्राकृतिक जड़ी बूटियों का मिश्रण है) बादाम वाला दूध पिए ,खजूर किशमिश किशमिश खाएं  इन में प्रचुर मात्रा में  आयरन पाया जाता है  जो बहुत जल्दी खून बढ़ाने में मदद करता है 
अनार रोजाना खाने से खून जल्दी बढ़ता है
Balance diet



हीमोग्लोबिन अधिक होने का कारण और उससे होने वाली समस्याएं 

निर्जलीकरण:-   

डिहाइड्रेशन

जब हमारे शरीर में तरल पदार्थ की कमी  होती है उस उस स्थिति में हमारे शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा बढ़ जाती है जैसे उल्टी दस्त आदि में

नशा:-  

जो व्यक्ति अधिक मात्रा में नशा करता है जैसे सिगरेट शराब गांजा आदि के कारण से फेफड़े  खराब हो जाते हैं इस स्थिति में लाल रक्त कणों को ऑक्सीजन पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल पाती उस स्थिति में मैं भी हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ जाता है

पर्वतारोही या ऊंचे पहाड़ों पर रहने वाले लोग:-

ऊंचे पहाड़ों पर रहने वालों लोगों का हिमोग्लोबिन भी अधिक होता है क्योंकि वहां ऑक्सीजन की कमी के कारण फेफड़ों तक पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं पहुंचती यह भी एक कारण है
लाल रक्त कणिकाओं को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिलती जिसे हिमोग्लोबिन की मात्रा बढ़ जाती है .! 

बर्न पेशेंट या जला हुआ मरीज :-  आग में जले हुए व्यक्ति या करंट लगे हुए व्यक्ति का हीमोग्लोबिन बढ़ जात है क्योंकि कारण उसके शरीर में पाए जाने वाला तरल प्लाज्मा plasma खत्म हो जाता है या कम हो जाता है जिससे हीमोग्लोबिन की मात्रा बढ़ जाती है

कोविड-19:-  कोविड-19 के मरीजों  में भी खून गाढ़ा होने की समस्या काफी हद तक देखी गई है कारण फेफड़ों के संक्रमण से ऑक्सीजन की मात्रा में कमी इसका मुख्य कारण रहा!  इसी के चलते काफी मरीजों को हार्टअटैक से अपनी जान गवानी पड़ी ! 
Covid 19



कुछ बीमारियां जो हीमोग्लोबिन के स्तर को  बढ़ा देती है:-


 हृदय की समस्या ,  यकृत कैंसर , किडनी कैंसर , COPD

एरिथ्रोपोइटिन (EPO) जैसी दवाएं, जो लाल रक्त कोशिका को बढ़ा देती! 

हीमोग्लोबिन ज्यादा होने के नुकसान :-   

शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा बढ़ जाने पर 1.सिर में दर्द 2.चक्कर आना 3.घबराहट 4.चोट लगने पर अधिक मात्रा में खून बहना  5.स्त्रियों में माहवारी के समय अधिक रक्तसव 6 पसीना आना 7.सीने में दर्द 8.खुजली आदि समस्याएं आती हैं

 खून गाढ़ा होने पर गंभीर समस्याएं :-  

खून अधिक होने पर या गाढ़ा होने पर ब्लड प्रेशर हार्ट अटैक ब्लड क्लोटिंग खून का थक्का बनना पैरालाइसिस लकवा जैसी बीमारियों की संभावनाएं बढ़ जाती है

खून पतला कैसे करें :- 

खून पतला करने के लिए आप अपने खाने में अधिक मात्रा में तरल पदार्थ शामिल करें, लहसुन का सेवन करें ,सुबह सुबह लहसुन खाना खून पतला करने में मदद करता है ! और दिल को भी स्वस्थ रखता है ! अपनी डाइट में फाइबर युक्त भोजन सम्मिलित करें! चना ,मटर ,चुकंदर, ब्रोकली ,मूंगफली ,और गाजर चुकंदर का जूस भी ले सकते हैं ! करक्यूमिन curcumin हल्दी का विशेष गुण है इसकी आप एक टेबलेट या सिरप भी ले सकते हैं ओमेगा 3 कैप्सूल ,मछली का तेल, फ्लेक्स ऑयल यह सभी आपका खून पतला करने में मदद करते हैं

खून पतला है या कितना गाढ़ा है कैसे मालूम करें :

सांस लेने में कठिनाई उच्च रक्तचाप ( ब्लड प्रेशर )को नजरअंदाज न करें !  इसके समाधान के लिए आप अपना ब्लड टेस्ट करा सकते हैं blood test -PT INR, APTT , couglation profile, bleeding time cloting time 
PT INR TEST

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नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।



मनुष्य के शरीर में हीमोग्लोबिन कितना होना चाहिए

हीमोग्लोबिन कितना होना चाहिए, हिमोग्लोबिन की नार्मल स्थिति पुरुषों, महिलाओं, बच्चों में अलग-अलग पाई जाती है पुरुष 13 -18 gm/dl महिला 12- 16 gm/dl जन्म के समय बच्चों में 14- 24 gm/dl 0 से 2 सप्ताह 12-20 gm/dl. 2 से 6 माह 10- 17 gm/dl 6 माह से 1 वर्ष 9 -14 gm/dl 1 से 6 वर्ष 9.5 -14 gm/dl 6 से 18 वर्ष 10- 15 gm/dl गर्भवती महिलाओं में ये स्तर कम हो सकते हैं जो की 9-12 gm/dl तक.

हीमोग्लोबिन कम होने के लक्षण

हीमोग्लोबिन कम होने के मुख्य लक्षण 1. थकान महसूस करना, 2.कमजोरी 3. ददाश्त कम होना 4. बेचैनी 5.मांसपेशियों में जकड़न 6. हाथ पैर में दर्द 7. चक्कर आना 8. नींद अधिक आना आदि लक्षण हीमग्लोबिन की कमी को दर्शाते है!

क्या खाने से हीमोग्लोबिन जल्दी बढ़ता है

हिमोग्लोबिन बढ़ाने के लिए हमको अपने भोजन में पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्व शामिल करना होगा! इसमें आयरन मिनरल विटामिन खनिज प्रोटीन युक्त भोजन हो, इसमें हरी सब्जियां जैसे ब्रोकली पालक मटर सलाद आदि, गुड एक बहुत ही अच्छा स्रोत है खून बढ़ाने के लिए भारतीय परंपरा में बच्चे के जन्म के बाद माताओं को गुड़ दिया जाता है मूंगफली चना चुकंदर अनार गन्ना चिकन मटन भी ले सकते हैं और इसके लिए आप अपने डॉक्टर से सलाह ले सकते हैं (" haemogrow syrup" भी एक अच्छा विकल्प है खून बढ़ाने के लिए, इसमें पुराना गुण मुलेठी अनारदाना ब्लैक पेपर सौंठ पीपली अमलाकी रसायन अजवाइन मंडूर भस्म टंकण भस्म शुद्ध शिलाजीत आदि प्राकृतिक जड़ी बूटियों का मिश्रण है) बादाम वाला दूध पिए ,खजूर किशमिश किशमिश खाएं इन में प्रचुर मात्रा में आयरन पाया जाता है जो बहुत जल्दी खून बढ़ाने में मदद करता है अनार रोजाना खाने से खून जल्दी बढ़ता है

हीमोग्लोबिन कम हो तो क्या खाना चाहिए

गुड एक बहुत ही अच्छा स्रोत है खून बढ़ाने के लिए भारतीय परंपरा में बच्चे के जन्म के बाद माताओं को गुड़ दिया जाता है मूंगफली चना चुकंदर अनार गन्ना चिकन मटन भी ले सकते हैं और इसके लिए आप अपने डॉक्टर से सलाह ले सकते हैं (" haemogrow syrup" भी एक अच्छा विकल्प है खून बढ़ाने के लिए, इसमें पुराना गुण मुलेठी अनारदाना ब्लैक पेपर सौंठ पीपली अमलाकी रसायन अजवाइन मंडूर भस्म टंकण भस्म शुद्ध शिलाजीत आदि प्राकृतिक जड़ी बूटियों का मिश्रण है) बादाम वाला दूध पिए ,खजूर किशमिश किशमिश खाएं इन में प्रचुर मात्रा में आयरन पाया जाता है जो बहुत जल्दी खून बढ़ाने में मदद करता है

हीमोग्लोबिन ज्यादा होने के नुकसान

शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा बढ़ जाने पर 1.सिर में दर्द 2.चक्कर आना 3.घबराहट 4.चोट लगने पर अधिक मात्रा में खून बहना 5.स्त्रियों में माहवारी के समय अधिक रक्तसव 6 पसीना आना 7.सीने में दर्द 8.खुजली आदि समस्याएं आती हैं

खून पतला कैसे करें, घरेलू उपाय

खून पतला करने के लिए आप अपने खाने में अधिक मात्रा में तरल पदार्थ शामिल करें, लहसुन का सेवन करें ,सुबह सुबह लहसुन खाना खून पतला करने में मदद करता है ! और दिल को भी स्वस्थ रखता है ! अपनी डाइट में फाइबर युक्त भोजन सम्मिलित करें! चना ,मटर ,चुकंदर, ब्रोकली ,मूंगफली ,और गाजर चुकंदर का जूस भी ले सकते हैं ! करक्यूमिन curcumin हल्दी का विशेष गुण है इसकी आप एक टेबलेट या सिरप भी ले सकते हैं ओमेगा 3 कैप्सूल ,मछली का तेल, फ्लेक्स ऑयल यह सभी आपका खून पतला करने में मदद करते हैं

खून गाढ़ा होने पर गंभीर समस्याएं क्या हो सकती है

खून अधिक होने पर या गाढ़ा होने पर ब्लड प्रेशर हार्ट अटैक ब्लड क्लोटिंग खून का थक्का बनना पैरालाइसिस लकवा जैसी बीमारियों की संभावनाएं बढ़ जाती है

Thyroid symptoms

  Thyroid Disease Your thyroid creates and produces hormones that play a role in many different systems throughout your body. When your th...